मस्तूरी शूट-आउट ; वर्चस्व की लड़ाई, निशाने पर थे जनपद उपाध्यक्ष, 2 नाबालिगों सहित 7 पकड़े गए…
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में “मस्तूरी शूट-आउट” की घटना के बाद पुलिस ने दो नाबालिगों सहित 7 आरोपियों को 24 घंटों के भीतर पकड़ लिया है . मंगलवार की शाम को 2 मोटरसाइकलों में सवार नकाबपोश बदमाश वहां के जनपद उपाध्यक्ष के निजी कार्यालय के सामने ताबड़तोड़ फायरिंग कर फरार हो गए थे . इस हमले में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए थे . आपसी रंजिश, राजनीतिक वर्चस्व और जमीन विवाद के कारण कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष की हत्या का षडयंत्र रचा गया था . आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त देशी पिस्टल व देशी कट्टा जप्त किया गया है .

बिलासपुर के एसएसपी रजनेश सिंह ने बुधवार रात को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मस्तूरी के कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह व घटना के मुख्य आरोपी विश्वजीत अनन्त के परिवार के बीच उस क्षेत्र में जमीन के क्रय-विक्रय, अतिक्रमण करने तथा राजनीतिक वर्चस्व कायम करने को लेकर विवाद चला आ रहा था . इसके पूर्व भी दोनों पक्षों के द्वारा एक-दूसरे के विरूद्ध मस्तूरी तथा सिविल लाईन थाने में अपराध पंजीबद्ध कराया जा चुका है . विश्वजीत ने नितेश सिंह एवं उसके परिजनों तथा साथियों को जान से मारने की नीयत से अपने भाई तथा अन्य के साथ मिलकर षडयंत्र रचा था . आरोपियों को मालूम था कि नितेश सिंह रोज शाम को मस्तूरी जनपद पंचायत कार्यालय के सामने अपने साथियों के साथ बैठक करता है . पहले, इसकी बाकायदा रेकी की गई और 25 अक्टूबर को गोली मारने का प्लान बनाया गया . किसी कारणवश प्लान सफल नही हो पाया . इसके बाद 28 अक्टूबर की शाम लगभग 6 बजे आरोपी दो मोटरसायकलों में सवार होकर मेन रोड मस्तूरी स्थित घटनास्थल पहुंचे और वहां बैठे नितेश सिंह व उनके साथियों के ऊपर फायर आर्म्स से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी .

बदमाशों ने 13 राउंड फायर किये जिससे मौके पर मौजूद नितेश सिंह के साथी राजू सिंह व चन्द्रभान सिंह गोली लगने से घायल हो गये . घायलों को तत्काल उपचार हेतु बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया .
एसएसपी सिंह ने बताया कि घटना के दौरान नितेश सिंह ने भी अपने लायसेंसी पिस्टल ने फायर किया गया जिससे आरोपी तत्काल भाग निकले . उन्होंने बताया कि प्रकरण में अन्य आरोपी भी शामिल हो सकते हैं . विवेचना में यह तथ्य भी सामने आया है कि तारकेश्वर पाटले ने विश्वजीत को 1 लाख रू नगद दिए थे जिसे विश्वजीत अनन्त ने अन्य आरोपियों में वितरित किये थे . इस पहलू की भी तस्दीक की जा रही है . प्रकरण में आगे जांच जारी है और सभी संभावित आरोपियों की भूमिका के संबंध में विवेचना की जा रही है .
एसएसपी सिंह ने बताया कि ए.सी.सी.यू. बिलासपुर (सायबर सेल) व थाना मस्तूरी की संयुक्त टीम ने अज्ञात हमलावरों की शिनाख्त करने में 100 से अधिक सी.सी.टी.वी. फुटेज खंगाले और कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अलग-अलग स्थानों में पहुंचकर आरोपियों को गिरफ्तार किया .
उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत पिता स्व बलराम अनंत उम्र 29 वर्ष निवासी ग्राम मोहतरा थाना मस्तूरी के साथ अरमान उर्फ बलमजीत अनंत पिता स्व. बलराम अनंत उम्र 29 वर्ष निवासी ग्राम मोहतरा थाना मस्तूरी, चाहत उर्फ विक्रमजीत स्व बलराम अनंत उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम मोहतरा थाना मस्तूरी, मोहम्मद मुस्तिकीम उर्फ नफीस पिता मोहम्मद मुख्तार उम्र 29 साल निवासी भारतीय नगर वार्ड, गली तैयबा चौक, थाना सिविल लाईन बिलासपुर, मोहम्मद मतीन उर्फ मोन्टू पिता मोहम्मद मुख्तार उम्र 22 साल निवासी अटल आवास कोनी थाना बिलासपुर तथा 2 विधि से संघर्षरत नाबालिगों को पकड़ा गया है . आरोपियों के पास से देशी पिस्टल 02 नग, देशी कट्टा 01 नग, मैगजीन 05 नग, जिंदा कारतूस 04 नग, फायर आर्म्स से चलाये हुए कुल 13 नग खाली खोखे (कारतूस), चली हुई 10 नग बुलेट और मोबाईल फोन 05 नग बरामद किये गए हैं . आरोपियों के खिलाफ थाना मस्तूरी, बिलासपुर में धारा 109, 3(5) बी.एन.एस. 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है .


