अपोलो कैंसर सेंटर ने ‘कैन विन’ लॉन्च किया…

अपोलो कैंसर सेंटर ने ‘कैन विन’ लॉन्च किया…

कैनविन के आरंभिक चरण में कैंसर विजेताओं के संघर्ष की कहानियाँ…

एक समर्थन समूह जो हर किसी को कैंसर पर विजय-यात्रा से जोड़ता है…


बिलासपुर 25 जून 2025 । कैंसर से बचे हुए लोगों को चिह्नित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपोलो कैंसर केंद्र (एसीसी) ने बुधवार को ‘कैनविन’ के लॉन्च की घोषणा की। “कैनविन” एक कैंसर समर्थन समूह है जो उन्हें अपने कैंसर की यात्रा में एक साथ लाता है। इस समूह में यह विश्वास निहित है कि “साझा शक्ति जीवन बदल सकती है”। कैनविन – एक ब्रांड है। एक प्रकार के कार्यकर्ताओं, उनके मनोविज्ञान, रोगियों, कैंसर विनर, उनकी देखभाल करने वालों और स्वयंसेवकों को एक मंच प्रदान करता है और एक समूह से अधिक – यह अपनी बात रखने की तकनीक सीखने के लिए एक सुरक्षित स्थान है। यह मंच हाल ही में डायग्नोस हुए कैंसर के मरीज या जिनका उपचार लगातार जारी है अथवा जिनके अभिन्न मित्र, पारिवारिक सदस्य इससे प्रभावित है, उन सभी के लिए एक संदेश है कि वे अकेले नहीं है। कुल मिलाकर, कैनविन – एक ऐसा नाम है जो रोगी व परिजनों की इच्छा शक्ति व उसके ठीक होने की संभावनाओं जैसे दो शक्तिशाली विचारों का प्रतीक है।
अपोलो हॉस्पिटल में “कैन विन” नामक कार्यक्रम की पहल को कैंसर विजेताओं के नेतृत्व में एक भावनात्मक कहानी कहने वाले सत्र के साथ शुरू किया गया था, जहां उनमें से प्रत्येक ने अपनी व्यक्तिगत कहानियों को साहस, ताकत और जीत के व्यक्तिगत अनुभव को साझा करने पर केंद्रित किया। इन सच्ची और प्रेरणादायक कथाओं ने दूसरों के लिए एक समान मार्ग से चलने के लिए आशा की एक किरण के रूप में कार्य किया।

श्रीमती आराधना त्रिपाठी, एक ऐसा नाम, जो सन 2012 में कैंसर डायग्नोस होने के बाद नकारात्मक सोच से ग्रसित हो चुकी थीं, उनकी पूर्णतः सकारात्मक सोच में परिवर्तित होने की कथा अपने आप में प्रेरणादायक है। 2012 में सेकंड स्टेज का कैंसर डायग्नोस होने के बाद उन्होंने अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के डॉक्टर परीदा व डॉक्टर अमित वर्मा से संपर्क किया। दोनों ही डॉक्टरों ने उनकी पीड़ा को समझा और उन्हें ढाढ़स बंधाया कि वह पूर्णत: ठीक हो सकती हैं। साथ ही परिवार में उनके पति श्री त्रिपाठी ने भी उन्हें पूर्ण मनोबल प्रदान किया। पूरे इलाज के दौरान उन्हें कमजोर नहीं होने दिया। आज श्रीमती त्रिपाठी अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति व डॉक्टर्स एवं अपने परिवार के सहयोग से पूर्णतः स्वस्थ होकर कैंसर के सभी मरीजों के लिए एक सफल काउंसलर बन चुकी है। उन्हें कई चिकित्सकों द्वारा अपने मरीजों की काउंसलिंग के लिए आमंत्रित किया जाता है। श्रीमती त्रिपाठी के अनुसार उन्होंने कैंसर के ट्रीटमेंट के दौरान तीन सबक लिए। पहला सही व जानकार लोगों से ही संपर्क करें अन्यथा अनेक भ्रांतियां उत्पन्न हो सकती हैं। दूसरा सबक, लॉजिक ही नहीं मैजिक पर भी यकीन करें। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण सबक, बीमारी पहले मन में होती है फिर शरीर में, अर्थात आप अपनी इच्छा शक्ति के दम पर बड़ी से बड़ी बीमारी से भी लड़ सकते हैं और उस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
इस अदम्य इच्छा शक्ति का ही परिणाम है कि आज वे एक सफल काउंसलर है जो मरीज को इस बीमारी से लड़ने की हिम्मत देती है और हर कदम पर उनके साथ खड़ी रहती है।

उसी प्रकार, बिन्नी सलूजा, वर्ष 2017 में जब पहली बार इन्हें गाँठ होने की शंका हुई, इन्होंने बिना किसी देरी के तत्काल डॉक्टर अमित वर्मा से संपर्क किया। सभी आवश्यक जांच तुरंत करवाई। इसका परिणाम यह हुआ कि उनका कैंसर शुरुआती स्टेज पर ही डायग्नोस हो गया। उपचार के साथ-साथ वे नियमित योग करती रही, साथ ही उन्होंने अपनी विल पावर कभी कम नहीं होने दी। उन्होंने इस बीमारी को ईश्वरीय इच्छा के रूप में स्वीकार किया। उनका मानना था कि ईश्वर ने मुझे यह बीमारी इसलिए दी क्योंकि मुझमें इस बीमारी से लड़ने की ताकत है। पूरे विश्वास के साथ उन्होंने चिकित्सकों की सलाह अनुसार अपना उपचार कराया और आज वे स्वस्थ जीवन गुजार रही हैं।

वैसा ही उदाहरण श्रीमती मधुरिमा श्रीवास्तव का है। वे एक टीचर हैं। सन 2017 में ब्रेस्ट कैंसर डायग्नोस हुआ। उन्होंने बिना घबराए, पूरे विश्वास के साथ अपोलो कैंसर सेंटर बिलासपुर में अपना इलाज आरंभ करवाया और दृढ़ इच्छा शक्ति और नियमित उपचार के साथ कैंसर पर विजय पाई। इसके बाद कुछ समय सामान्य जीवन व्यतीत करने के बाद सन 2024 में वोकल कार्ड में समस्या आने पर उन्होंने पुनः चिकित्सकों से संपर्क किया। आवश्यक जांच के उपरांत ज्ञात हुआ कि इन्हें पुनः कैंसर डायग्नोस हुआ है। दोबारा वही बीमारी होने पर भी श्रीमती श्रीवास्तव ने अपना साहस नहीं खोया और वे पूरे विश्वास के साथ अपना उपचार करवा रही है एवं अपनी दैनिक दिनचर्या के साथ सामान्य जीवन व्यतीत कर रही हैं।

अपोलो में कैनविन कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर अनिल कुमार गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक, अपोलो बिलासपुर एवं अपोलो कैंसर सेंटर बिलासपुर के चिकित्सकों ने बताया कि अपोलो ‘कैनविन’ के साथ, हम एक ऐसा समुदाय बना रहे हैं जहां साहस साझा किया जाता है, आवाज सुनी जाती है और सकारात्मक कहानियां दवा के लिए एक सपोर्ट बन जाती हैं।
उन्होंने बताया कि यह मंच सभी कैंसर रोगियों, देखभाल करने वालों, चिकित्सकों और बाईस्टैंडर्स के लिए सदैव खुला है । उन्होंने कहा, “यह पहल नैदानिक विशेषज्ञता के साथ भावनात्मक शक्ति और सहयोग तथा कैंसर देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम ने अग्रणी चिकित्सकों की भागीदारी भी देखी, जिन्होंने इस बात पर बल दिया कि कैंसर की जीवित रहने की दर में, सभी आयु वर्गों में काफी सुधार हुआ है, खासकर प्रारंभिक पहचान और उन्नत उपचार के साथ।
उन्होंने जोर दिया कि ‘कैनविन’ जैसी पहल भावनात्मक स्वरूप का समर्थन करने और उपचार के हर चरण में रोगियों और कैंसर विनर के जीवन में गुणात्मक सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

सम्पादक

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