ऑडियो क्लिपिंग वायरल मामला ; कांग्रेस ने मेयर रामशरण को बाहर का रास्ता दिखाया…
महापौर यादव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित…
आख़िरकार कांग्रेस ने बिलासपुर के मेयर रामशरण यादव को बाहर का रास्ता दिखा दिया है . उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है . शुक्रवार को जारी एक आदेश में अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनर्गल और पार्टी विरोधी बातें करने वाले बिलासपुर के महापौर को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है .
इसके पहले बिलासपुर में बुधवार को कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी अरुण तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस करके एक ऑडियो जारी किया था . ऑडियो में वे मेयर रामशरण यादव से मोबाइल में बात करते सुनाई पड़ रहे हैं . बातचीत में दोनों नेता कथित तौर पर कांग्रेस के बड़े नेताओं पर चुनाव में टिकट बांटने के लिए पैसों की लेन-देने का आरोप लगाते सुनाई दे रहे हैं .
कांग्रेस ने इसी ऑडियो क्लिपिंग के वायरल किये जाने को गंभीरता से लिया है . इस मामले में गुरूवार को मेयर रामशरण यादव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटों के भीतर जवाब तलब किया गया था . कांग्रेस संगठन के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने नोटिस में लिखा कि टिकट वितरण को लेकर हो रही चर्चा का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है . इसमें हुई बातचीत अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती है .
शुक्रवार, 10 नवम्बर के निलंबन आदेश में लिखा गया है कि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के आदेशानुसार विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते और कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण रामशरण यादव, महापौर, नगर पालिक निगम, बिलासपुर की प्राथमिक सदस्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाती है .
पूरे मामले में शुक्रवार को हुई कार्रवाई से पहले महापौर रामशरण यादव ने कहा था, अरुण तिवारी द्वारा मेरा हवाला देकर फैलाया गया यह ऑडियो पूरी तरह भ्रामक और असत्य है . मेरी उनसे इस तरह की कोई बातें नहीं हुई है .
रामशरण यादव ने स्पष्टीकरण देते हुए यह भी कहा था कि मैं कांग्रेस पार्टी का समर्पित सिपाही हूं, आगे भी रहूंगा . मैं जिस वार्ड से पार्षद हूं, उस वार्ड के अरुण तिवारी नागरिक हैं, कांग्रेस के विधायक रहे हैं . उनसे वार्ड की समस्याओं व अन्य मुद्दों को लेकर बातचीत होती रहती है, लेकिन ऐसी कोई बातचीत उनसे नहीं हुई है . उन्होंने स्वीकार किया कि हमारी बातचीत आपसी भाई-चारे के तहत हुई है . मैंने किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया है .