बिलासपुर प्रेस क्लब के “पहुना” बने एसपी…
“निजात” अभियान एक जन-आन्दोलन है – संतोष सिंह

बिलासपुर प्रेस क्लब में “पहुना” बनकर पहुंचे पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा है कि पुलिस को पब्लिक की पुलिस बनने की जरुरत है . पुलिस की भूमिका अब बदल रही है . पुलिस का काम अपराध घटित होने के बाद एक्शन लेने के साथ-साथ अपराध होने से रोकने के लिए प्रिवेंटिव एक्शन लेना भी हैं . बिलासपुर में नशे के विरुद्ध जारी “निजात” अभियान एक जन-आन्दोलन है . यह अवधारणा कम्युनिटी पुलिसिंग का हिस्सा है जिसका उद्देश्य नशे के खिलाफ जन-जागरण करके नागरिकों में जीवन और सुरक्षा की भावना में गुणात्मक परिवर्तन लाना है .

एसपी संतोष कुमार के वक्तव्य के प्रमुख बिन्दु…
*प्रेस के साथियों के बीच सदैव अपनेपन का अहसास होता है . इसके दो कारण हैं . पहला, घर का माहौल, उनके पिता मीडिया से जुड़े रहे हैं और दूसरा समाचार जगत में पुलिस विभाग से जुड़े समाचारों की बाहुल्यता से पुलिस और प्रेस के बीच स्वमेव मजबूत रिश्ते बन जाते हैं .
*”निजात” अच्छी मंशा के साथ शुरू किया गया अभियान है . यह नई पीढ़ी को नशे के खिलाफ जागरूक करने का एक उपक्रम है . यह एक जन-आन्दोलन है .
*”निजात” अभियान का नारा है “जिंदगी को हां, नशीले पदार्थों को ना”. अभियान की सफलता का एक ही मंत्र है “हर किसी को नशे से दूर रहने का संकल्प लेना”.
*पुलिस का रौब होना चाहिए, खौफ नहीं होना चाहिए . पुलिस सिर्फ अपराधियों के प्रति ही सख्त होती है बाकी सबसे मित्रवत व्यवहार करती है .

*छत्तीसगढ़ में नशा ज्यादातर तीज-त्यौहारों का हिस्सा बन गया है . हमारे प्रदेश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत सबसे ज्यादा हैं . 35.6 प्रतिशत लोग शराब का सेवन करते हैं . अनुमान लगाया जा सकता है कि करीब 3 करोड़ की आबादी वाले हमारे प्रदेश में कितनी अधिक शराब की खपत हो रही है . वैसे ही, गांजा-भांग और पत्ती का सेवन करने वाले 5 राज्यों में हमारा प्रदेश भी शामिल है .
*शराब व अन्य नशे का सीधा असर परिवार की आर्थिकी और बच्चों के कैरियर पर पड़ता है .
*ज्यादातर अपराध नशे की वजह से ही होते हैं . करीब 38 प्रतिशत अपराध नशे के कारण होते हैं . सामान्य मारपीट, हिंसा, छेड़छाड़, रेप, घरेलु हिंसा जैसे अपराधों में नशा सबसे बड़ा कारक है .
*बिलासपुर में “निजात” अभियान के 5 महीनों के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अपराध कम हो गए हैं . छेड़छाड़ के मामलों में 46 प्रतिशत की कमी आई है . चाकूबाजी की घटनाएँ 74 प्रतिशत कम हो गई हैं वहीँ 21 प्रतिशत चोरियां भी कम हुई हैं . पांच महीनों में पुलिस ने 2500 लोगों पर कार्रवाई की हैं .
*बिलासपुर पुलिस साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को हल करने और शहर की ट्रेफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए भी लगातार ईमानदार कोशिश कर रही है .
*पुलिस और पब्लिक के बीच रिश्तों को बेहतर बनाये रखने के लिए “पुलिस चौपाल” के जरिये लोगों से सुझाव लिए जाते हैं . प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक, दोनों मीडिया की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं . उनसे फीडबैक भी मिलता है . अच्छे विचार आमंत्रित किये जाते हैं और बेहतर पुलिसिंग के लिए कार्ययोजना बनाई जाती है .
प्रेस क्लब में एसपी संतोष सिंह ने अपने बाल्य-काल से लेकर आईपीएस बनने तक के सफ़र का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया और अपने जीवन-काल की अनेक रोचक घटनाओं को साझा किया . उन्होंने बताया कि खाली समय में उन्हें किताबें पढ़ने का शौक हैं .

प्रेस क्लब के “पहुना” कार्यक्रम के आरम्भ में अध्यक्ष वीरेन्द्र गहवई, सचिव इरशाद अली, उपाध्यक्ष विनीत चौहान, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ठाकुर, सह-सचिव भूपेश ओझा और कार्यकारिणी सदस्य ऋतु साहू ने पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह का पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया . कार्यक्रम में मौजूद पत्रकार-गण सर्वश्री तिलक राज सलूजा (पूर्व-अध्यक्ष, प्रेस क्लब), कृष्णा तम्बोली, रवि शुक्ला, रवि त्रिपाठी, विनोद सिंह ठाकुर, सुरेश पाण्डेय, राजा खान, बंटी परिहार, श्रीकांत प्रजापति, विशाल झा, राजेश दुआ, निर्मल माणिक, अतुल कान्त खरे, दिलीप अग्रवाल, और देबेंदु सरकार सहित मीडिया के अनेक साथियों ने भी एसपी संतोष सिंह का स्वागत किया . कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब के सचिव इरशाद अली ने किया .