महादेव और अन्ना रेड्डी ब्रांड ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों में 4 को पुलिस ने धर दबोचा, 10 लाख नगद के साथ और भी बहुत कुछ मिला…

महादेव और अन्ना रेड्डी ब्रांड ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों में 4 को पुलिस ने धर दबोचा, 10 लाख नगद के साथ और भी बहुत कुछ मिला…

छत्तीसगढ़ की बिलासपुर पुलिस ने महादेव, अन्ना रेड्डी ऑनलाईन सट्टा पर बड़ी कार्यवाही की है . पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे 10 लाख रूपये नगद जब्त किये हैं . आरोपियों में से एक बेंगलोर और तीन बिलासपुर के हैं . आरोपियों से 30 नग मोबाईल फोन, 10 लैपटाप एवं 10 एटीएम भी बरामद किये गए हैं . पुलिस ने 275 से अधिक एकाउंट होल्ड कराकर 12 करोड़ 30 लाख रूपये भी सीज करा दिए है . आरोपी बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर लोगों को ट्रेडिंग के बहाने से उनके नाम पर फर्जी बैंक खाता खोलते थे और इन खातों का उपयोग ऑनलाईन सट्टा में करते थे . पुलिस ने ऐसे 24 एकाउंट की पहचान की है, साथ ही महादेव एप प्लैटफार्म से संबंधित 600 व्ही.आई.पी. मोबाईल नंबर की भी पहचान की गई है जिनको डि-एक्टिवेट कराया जायेगा .

गिरफ्तार आरोपियों के नाम रजत जैन पिता अमरचंद जैन उम्र 27 वर्ष साकिन बैंगलोर, क्षितिज भारद्वाज पिता राकेश भारद्वाज उम्र 20 वर्ष साकिन सरकंडा बिलासपुर, बॉबी जाघव पिता तोरन जाधव उम्र 28 वर्ष साकिन सिविल लाईन बिलासपुर तथा कार्तिक विश्वकर्मा पिता जगदीश विश्वकर्मा उम्र 19 वर्ष साकिन सरकंडा बिलासपुर है .


बिलासपुर के एसपी संतोष सिंह ने शनिवार को बताया कि थाना तारबाहर में पंजीबद्ध धारा 420,34 भादवि तथा धारा 07 जुआ एक्ट के तहत फर्जी बैंक खाता खुलवाकर 50 करोड़ से अधिक की रकम का ट्रांजेक्शन किया गया था . उक्त अपराध की विवेचना से यह स्पष्ट हुआ कि घटना में प्रयुक्त बैंक खातों का प्रयोग ऑनलाइन सट्टा महादेव बुक और रेड्डी अन्ना में सट्टा खेलने के लिए रकम लेन-देन में किया गया है . फर्जी बैंक खाता खोलने के लिए सार्थक और क्षितिज नाम के दो युवक अपने जान-पहचान वाले लोगों को शेयर ट्रेडिंग का झांसा देकर फर्जी बैंक खाता खुलवाते थे . वे बैंक रकम ट्रांजेक्शन में प्रयोग होने वाले आईडी पासवर्ड, UPID, कार्ड आदि भी मुहैया कराने का कार्य करते थे .

बैंक खाता खोलने में वे बैंक कर्मियों की मिलीभगत से यस बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI, HDFC, IDFC में यह गोरखधंधा चला रहे थे . बैंक खाता में जो मोबाइल नंबर दर्ज किये जाते थे वे खाताधारक के नही होते थे . इन नंबरों का इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले किया करते थे .
पुलिस ने उन मोबाइल दुकानों की भी पहचान कर ली है जो फर्जी सिम कार्ड महंगे दामों पर ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों को बेचते थे .

सम्पादक

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