ATR में छोड़ी गई बाघिन, रेडियो कॉलर से मॉनिटरिंग, अचानकमार में बढ़ेगा बाघों का कुनबा…

ATR में छोड़ी गई बाघिन, रेडियो कॉलर से मॉनिटरिंग, अचानकमार में बढ़ेगा बाघों का कुनबा…

बिलासपुर . छत्तीसगढ़ के सूरजपुर वनमंडल से पिछली 27 मार्च को रेस्क्यू की गयी बाधिन को शनिवार, 29 अप्रैल को प्रातः 3:40 बजे एन.टी.सी.ए. गाईडलाईन के अनुसार अचानकमार टायगर रिजर्व (ATR) के उपयुक्त रहवास में छोड़ा गया है . अचानकमार टायगर रिसर्व बिलासपुर के निकट मुंगेली जिले में स्थित है .


सुधीर कुमार अग्रवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, छत्तीसगढ़ ने शनिवार को एक विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि अचानकमार टायगर रिजर्व में दूसरे टायगर रिजर्व से दो मादा टायगर लाकर छोड़े जाने की प्रक्रिया चल रही है . इसी बीच रेस्क्यू किये गये मादा बाघ को टायगर रिजर्व में छोड़ा गया है .
विज्ञप्ति के अनुसार माइक्रो कोर एरिया में मादा बाघ को रेडियो कॉलर लगाकर सफलतापूर्वक शनिवार को प्रातः रिलीज कर दिया गया है . मादा बाघ के आवागमन एवं रहवास क्षेत्र की मॉनिटरिंग के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं पशु चिकित्सकों की टीम तैनात है . इसके अतिरिक्त टायगर रिजर्व के 15 मैदानी अमलों को भी मॉनिटरिंग करने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है . बाघ को छोड़े जाने के पूर्व टायगर रिजर्व के ग्रामवासियों को विश्वास में लिया गया है . बाघ की 24×7 मॉनिटरिंग के लिए बैंकअप टीम की व्यवस्था की गयी है तथा पोस्ट रिलीज मॉनिटरिंग कमेटी का गठन भी किया गया है .


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्विट किया है कि आज प्रातः सूरजपुर वनमण्डल से दिनांक 28.03.2023 को रेस्क्यू की गई मादा बाघ को पूर्णतः स्वस्थ्य होने के पश्चात् राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की स्थापित मानक प्रचालन प्रक्रिया के तहत अचानकमार टायगर रिजर्व के उपयुक्त रहवास में छोड़ा गया है .
मुख्यमंत्री बघेल ने ट्विट किया है कि इस मादा बाघिन के अचानकमार में स्थापित होने से अचानकमार में बाघों की संख्या में वृद्धि होने के प्रति विभाग आशान्वित है . अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघों की जनसंख्या में वृद्धि किये जाने हेतु निकटस्थ राज्य मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के टायगर रिजर्व से 2 मादा एवं 1 नर व्याघ्रों को लाने की प्रक्रिया चल रही है, इस बीच सूरजपुर वनमण्डल से रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को अचानकमार टायगर रिजर्व में छोड़ा जाना एक सुखद संयोग है .

छत्तीसगढ़ में पहली बार बाघिन के विचरण की मॉनिटरिंग हेतु लगाया गया है रेडियो कॉलर, अचानकमार में बढ़ेगा बाघों का कुनबा…

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा प्रदेश में वन्यप्राणियों के संरक्षण सहित वनों के विकास के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं . इसी कड़ी में 29 अप्रैल 2023 को प्रातः सूरजपुर वनमण्डल से 28 मार्च 2023 को रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को पूर्णतः स्वस्थ्य होने के पश्चात राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की स्थापित मानक प्रचालन प्रक्रिया के तहत अचानकमार टायगर रिजर्व के उपयुक्त रहवास में छोड़ा गया है .


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप और वनमंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशन में अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघों की जनसंख्या में वृद्धि किये जाने हेतु विशेष प्रयास जारी है . प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सुधीर कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में आज अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघिन को रिलीज किया गया .
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सुधीर कुमार अग्रवाल ने बताया है कि अचानकमार टायगर रिजर्व में निकटस्थ राज्य मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के टायगर रिजर्व से 2 मादा एवं 1 नर व्याघ्रों को लाने की प्रक्रिया चल रही है, इस बीच सूरजपुर वनमण्डल से रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को अचानकमार टायगर रिजर्व में छोड़ा जाना एक सुखद संयोग है . मानक प्रचालन प्रक्रिया अनुसार 28 अप्रैल को वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा बाघिन को रेडियो कॉलर लगाया गया एवं तत्पश्चात मादा बाघिन उचित रहवास में सफलतापूर्वक छोड़ दी गई है .
प्राकृतिक रहवास में मुक्त किये जाने के पश्चात आगामी एक माह तक मादा बाघिन के मूवमेंट का पता लगाने के लिए उपयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है . इस हेतु मैदानी अमले को पन्ना टायगर रिजर्व में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है . भारतीय वन्यजीव संस्थान के दो रिसर्च स्कॉलर एवं वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम भी विशेष रूप से तैनात की गई है . प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने के पूर्व क्षेत्र के ग्रामवासियों से भी चर्चा कर उन्हें विश्वास में लिया गया है . इस मादा बाघिन के अचानकमार में विचरण करने से वहां बाघों की संख्या में वृद्धि होने के प्रति विभाग आशान्वित है .

सम्पादक

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