भाजपा विधायक बांधी का विवादित बयान ; शराब के स्थान पर भांग-गांजा को दें बढ़ावा…
कांग्रेस प्रवक्ता राय की प्रतिक्रिया ; एक नशे का विकल्प दूसरा नशा नहीं हो सकता…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सटे विधानसभा क्षेत्र, मस्तूरी के विधायक तथा भाजपा शासनकाल में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ कृष्णमूर्ति बांधी ने शराबबंदी पर नया विवादित बयान दिया है . कृष्णमूर्ति बांधी कहते हैं छत्तीसगढ़ में लोगों को दारू-शराब की जगह भांग एवं गांजा की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए . उन्होंने कहा कि शराबियों की वजह से ही लड़ाई-झगड़े और हत्या-बलात्कार जैसे अपराध बढ़े हैं जबकि गंजेड़ी-भंगेड़ी इससे कोसों दूर रहते हैं . डॉ बाँधी यहीं नहीं रुकते बल्कि गांजा एवं भांग को शराबबंदी का तोड़ भी बताते हैं . उन्होंने सुझाव दिया है कि वैकल्पिक नशे के रूप में गांजा और भांग के प्रति जनता को उन्मुख करने के लिए शराबबंदी के लिए बनी विधानसभा की समितियों को भी कार्य करना चाहिए .

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं मस्तूरी के विधायक डॉ कृष्णमूर्ति बांधी शनिवार को गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के कबीर चबूतरा में छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के जश्न-ए-जायका के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे . डॉ. बांधी को वहां मीडिया वालों ने घेर लिया . मीडिया ने उनसे कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल शराब बंदी की बात को अब तक लागू नहीं करने और इसकी सदन में चर्चा को लेकर सवाल दागा . डॉ बाँधी भी मूड में थे . उन्होंने गंभीर सवाल पर बहुत ही हल्के-फुल्के अंदाज़ में विवादास्पद बयान दे डाला . उन्होंने शराब की जगह गांजे एवं भांग का सेवन करने के लिए लोगों को कह दिया . उन्होंने यह भी कहा कि 27 तारीख को हम विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं, इस दिन इन सब मामलों में वृहद चर्चा भी होगी .
डॉ बाँधी ने बताया कि मैंने कभी विधानसभा में पूछा था कि हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार जैसी घटनाओं के पीछे हमारी प्रवृत्ति और दारु-शराब ही वजह तो नहीं है ? मैंने पूछा था कि क्या कभी भांग खाने वाले ने किसी से लड़ाई-झगड़ा, हत्या-बलात्कार जैसा जघन्य अपराध किया है ? ऐसी वारदात सिर्फ शराब पीने वाले लोग ही करते हैं . वे आगे बोले – हमें नशे की जरूरत है और नशे की जरूरत कैसे पूरी करें ? फिर उन्होंने खुद ही सुझाया कि शराब बंद करने के लिए विधानसभा में समितियां भी बनी हुई है, समितियों को चाहिए कि भांग की ओर, गांजे की ओर हम कैसे आगे बढ़े, इस दिशा में कार्य किया जाना चाहिए . लोगों को अगर नशा चाहिए तो ऐसा नशा दो जिसमें हत्याएं न हों, बलात्कार न हों, लड़ाई-झगड़ा न हो .
हालांकि डॉ. बांधी ने इस बयान को अपना व्यक्तिगत विचार बताया है लेकिन कभी प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा देखने वाले विधायक यह भूल गए कि गांजा की बिक्री पर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में प्रतिबंध है . बावजूद इसके, उन्होंने नशे से दूर रहने के स्थान पर वैकल्पिक नशे का विवादित सुझाव दे दिया .

उधर, बिलासपुर में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभय नारायण राय ने डॉ बाँधी के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि डॉ बाँधी उप-नेता प्रतिपक्ष, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और तीन बार के चुने हुए विधायक हैं, उसके बावजूद उनका यह बयान समझ से परे हैं . अपने बयान में डॉ बाँधी, नशा मुक्त समाज बनाने की जगह शराब के नशे से मुक्त होकर वैकल्पिक नशे भांग-गांजा का समर्थन कर रहे हैं .
उन्होंने कहा कि धर्म और जाति की राजनीति करने वाली भाजपा जिस तरह एक धर्म को दूसरे धर्म से बांटती है उसी तरह भाजपा विधायक एक नशे को दूसरे नशे से बांटने का काम कर रहे हैं . नशे का व्यसन सामाजिक बुराई है . एक नशे का विकल्प दूसरा नशा नहीं हो सकता . डॉ बाँधी का यह अपरिपक्व विचार सभ्य समाज में कतई स्वीकार्य किये जाने योग्य नहीं है .