क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों के अन्वेषण पर बिलासपुर में पुलिस रेंज स्तरीय कार्यशाला…
बिलासपुर में क्रिप्टोकरेंसी पर आधारित अपराधों की विवेचना पर मंगलवार को एक दिवसीय ऑनलाईन व ऑफलाईन रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ रतन लाल डांगी, पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज, बिलासपुर द्वारा किया गया। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में क्रिप्टोकरेंसी का करेंसी के रूप में विश्व स्तरीय उपयोग होने एवं इसे डिजिटल या वर्चुअल करेंसी के अनुरूप उपयोग किये जाने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी युवा निवेशकों को काफी लुभा रही है फलतः क्रिप्टोकरेंसी की व्यापकता के साथ इससे जुड़े अपराधों में भी वृद्धि हो रही है। साईबर अपराधी इसका इस्तेमाल हथियारों के अवैध व्यापार, आतंकवादी गतिविधियों हेतु मुद्रा एवं विनिमय, फिरौती, मनीलॉड्रिंग, रैनसमवेयर अटैक, जबरन वसूली, गैम्बलिंग और अन्य अवैध कामों के लिए कर रहे है।
छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित पहला अपराध राजनांदगॉव जिले में पंजीबद्ध हुआ है जिसकी विवेचना वर्तमान में जारी है । इस अपराध में एक चीनी महिला द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कराने के माध्यम से राजनांदगांव के एक युवक को 81 लाख रूपये की वैश्विक ठगी का शिकार बनाया है। पुलिस महानिरीक्षक ने युवाओं को क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते समय सर्तकता बरतने की हिदायत भी दी।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में प्रशांत ढांडा (IFS), प्लानिंग ऑफिसर (इनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट विभाग) असम सरकार, ने ब्लाकचेन विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए उनके ऑपरेशन एवं फंक्शन के बारे में बताया। इसी क्रम में मोहम्मद मार्टिन, साईबर क्राईम इनवेस्टिगेटर, असम द्वारा क्रिप्टोकरेंसी संबंधित ओपन सोर्स इंटेलिजेंस से जानकारी प्राप्त करने के विषय में बताया गया।
द्वितीय सत्र में रोहास नागपाल, चीफ ब्लॉकचेन आर्किटेक्ट व प्रेसीडेंट एशियन स्कूल ऑफ साईबर लॉ, पुणे महाराष्ट्र द्वारा क्रिप्टोकरेंसी एवं उनके अन्वेषण की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई, तत्पश्चात कवि गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, तकनीकी सेवाएं, पुलिस मुख्यालय रायपुर के द्वारा बिटक्वाईन एवं क्रिप्टोक्वाईन के ब्लॉकचेन में बनने की प्रक्रिया को समझाया गया तथा विभिन्न प्रकार के क्रिप्टो वॉलेट की जानकारी भी दी गई।
अंतिम सत्र में गौरव राय (भा.पु.से.) नगर पुलिस अधीक्षक, राजनांदगांव ने राजनांदगांव जिले में पंजीबद्ध अपराध में साक्ष्य संकलन एवं केस स्टडी के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए अपराध अन्वेषण का प्रायोगिक तौर पर भी प्रदर्शन किया।
रेंज स्तरीय कार्यशाला के दौरान जिलों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण ऑनलाईन व ऑफलाईन माध्यम से मौजूद रहे। सभी ने वर्तमान परिपेक्ष्य में इस कार्यशाला को बहुत ही उपयोगी व महत्वपूर्ण बताया।