विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर जागरूकता अभियान…
नियमित रक्तचाप की जांच कराना और तनावमुक्त रहना बहुत जरूरी…

बिलासपुर . अनियमित खान-पान और दिनचर्या की वजह से रक्तचाप पर खासा असर पड़ता है और व्यक्ति इस बिमारी का मरीज हो जाता है। हाइपटरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की बीमारी हर उम्र के लोगों को चपेट में ले रही है। ऐसे में स्वस्थ जीवन शैली अपनाने पर जोर देते हुए जिला अस्पताल में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया गया। इस अवसर पर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा उनको आवश्यक परामर्श दिया गया। जिले में विकासखंड स्तर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेष जागरूकता शिविर लगाकर जन-जागरूकता का प्रयास किया गया। इस दौरान अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचने वालों लोगों से स्वास्थ्यवर्धक खान-पान रखने और 30 की उम्र के बाद नियमित रूप से रक्तचाप की जांच कराने की अपील भी की गई।
गैर-संचारी रोग प्रकोष्ठ, स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर द्वारा “अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, अधिक समय तक जीवित रहे” की थीम पर मंगलवार को हाइपरटेंशन-डे मनाया गया। जिला अस्पताल समेत विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर जागरूकता शिविर आयोजित हुआ और यहां आने वाले मरीजों को चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप होने से उत्पन्न समस्याएं, बचाव, रोकथाम संबंधी जानकारी दी गई।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बतायाः “अनुचित खान-पान और अनियमित दिनचर्या की वजह से स्वास्थ्य को काफी नुकसान होता है। इसका असर रक्तचाप पर भी पड़ता है और व्यक्ति उच्च रक्तचाप या फिर निम्न रक्तचाप का मरीज बन जाता है। इसीलिए विशेषकर 30 वर्ष की आयु के बाद स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के साथ ही रक्तचाप व मधुमेह की जांच जरूर करानी चाहिए, ताकि इससे संबंधित बीमारियों को नियंत्रित किया जा सके।”
लोगों ने उठाया लाभ…
हाइपरटेंशन-डे के अवसर पर बिलासपुर जिला एवं सभी विकासखंड के लोगों ने विशेष जांच एवं जागरूकता कार्यक्रम का लाभ उठाया। जिला अस्पताल में एनसीडी चेकअप में 3,139 ,मस्तुरी में 726, बिल्हा में 397, कोटा में 1,209, तखतपुर में 314 तथा रतनपुर में 417 लोग जांच के लिए पहुंचे।
लक्षण…
हमेशा थकावट महसूस करना, भारीपन, धुंधला दिखना, अत्यधिक पसीना आना, सर में दर्द बना रहना, सिर घूमना, चिड़चिड़ापन आदि।
उच्च रक्तचाप के कारण…
नमक का अधिक मात्रा में सेवन, अनियमित दिनचर्या, तनाव, धूम्रपान व नशीली चीजों का सेवन करना, अनियमित खानपान व अत्यधिक वजन का बढ़ना आदि।
रोकथाम एवं उपचार…
अधिक फल और सब्जियों का सेवन करना, नमक का कम उपयोग करना, तंबाकू के सेवन से बचना, नियमित समय पर जांच व परामर्श लेना, योगा व एक्सरसाइज नियमित रूप से करना, फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा नहीं करना आदि।