न्यायमूर्ति की संवेदनशीलता : पीड़ित पिता की शिकायत पर संज्ञान लेकर दिलाया त्वरित न्याय..
बिलासपुर . राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने एक वृद्ध पिता को उसके पुत्र और बहू द्वारा प्रताड़ित किये जाने के मामले में तत्काल संज्ञान लिया . जस्टिस भादुड़ी के निर्देश पर अपने ही घर से बेदखल वृद्ध पिता को घर में प्रवेश दिलवाया गया . जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि वृद्ध माता-पिता की देखरेख की जिम्मेदारी उनकी संतान की होती है . उन्होंने, उसके पुत्र के खिलाफ पिता के भरण-पोषण और उसे उसकी संपत्ति पर कब्ज़ा दिलाने के प्रकरण में तत्काल विधिक सहायता दिलाने के निर्देश भी दिए .
विधिक सहायता अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज, सोमवार को दोपहर 1.30 बजे अशोक कुमार श्रीवास, उम्र- 67 वर्ष, निवासी- घुरू-अमेरी बिलासपुर, न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के पास अपने पुत्र द्वारा प्रताड़ित किये जाने की शिकायत लेकर पहुंचा . उसने बताया कि उसके पुत्र सुरेंद्र श्रीवास, जो कि शासकीय सेवा में है, ने उसको मार-पीट करके घर से निकाल दिया है और खाना-पीना देना भी बंद कर दिया है . पीड़ित पिता ने बताया कि विगत 10 तारीख को उसके पुत्र ने उस पर प्राणघातक हमला कर दिया जिससे सिर में गंभीर चोट आईं और उसका बांया हाथ टूट गया . थाने पर रिपोर्ट किये जाने के बावजूद पुलिस ने अपेक्षित कार्रवाई नहीं की .
इसके पहले पीड़ित पिता ने शहर के वरिष्ठ पत्रकार को अपनी पीड़ा सुनाई थी . पत्रकार ने उसे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वृध्दजनों के कल्याणार्थ शुरू किये गए अभियान करूणा की जानकारी देते हुए प्राधिकरण से संपर्क करने की सलाह दी थी .
पीड़ित अशोक कुमार ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी को बताया कि लगभग दो वर्षों से उसके पुत्र ने उसे उसके स्वयं के घर से निकालकर दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया है . बिलासपुर के छत्तीसगढ़ भवन के समीप वह नाई का काम करता है जिससे मिले थोड़े से पैसों से वह किसी तरह अपना खाना-पीना और गुजारा कर रहा है .
पीड़ित पिता ने बताया कि मेरी पत्नी भी अपने पुत्र से प्रताड़ित है . अशोक कुमार ने अपने सिर में लगी चोट एवं टूटे हाथ को दिखाते हुए जस्टिस भादुड़ी से पुत्र के खिलाफ कार्यवाही करने और उसे उसका मकान वापस दिलाने की गुहार लगाई . उसने यह भी बताया कि उसका पुत्र जिला पंचायत के किसी कार्यालय में, पास के किसी गांव में सरकारी नौकरी करता है एवं उसकी पुत्र-वधु घर में ब्यूटी पार्लर संचालित करती है .
पीड़ित अशोक कुमार की व्यथा सुनकर न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिध्दार्थ अग्रवाल को मामले में शीघ्र कार्यवाही करते हुए आवेदक को न्याय दिलाने का निर्देश दिया . उन्होंने कहा कि एक पुत्र द्वारा अपने पिता के साथ इस तरह अनुचित व्यवहार किया जाना अत्यंत अशोभनीय है . दोषी पुत्र के खिलाफ शीघ्र ही उचित कानूनी कार्यवाही एवं मदद किये जाने की आवश्यकता है . उन्होंने यह भी कहा कि वृद्ध माता-पिता की देखरेख की जिम्मेदारी उनकी संतान की होती है .
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर सुधीर कुमार, जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष ने आवेदक के दो प्रकरण क्रमशः भरण पोषण दिलाये जाने एवं उसकी सम्पत्ति पर उसका कब्जा दिलाये जाने हेतु तत्काल विधिक सहायता उपलब्ध कराने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता अनुप कुमार की नियुक्ति कर दी है . जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुमीत सोनी द्वारा प्रार्थी की शिकायत पर सकरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है तथा वृद्ध पिता को उसके अमेरी स्थित घर पर पहॅुचाया गया . पुलिस की उपस्थिति में उसके पुत्र को, जो वर्तमान में बाहर गया हुआ है, दूरभाष पर पिता के घर में रहने के लिए समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया एवं उसकी बहू को भी समझाइश देकर वृद्ध अशोक कुमार को उसके घर में प्रवेश दिलाया गया है .