जिला न्यायालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से विचाराधीन बंदियों के 105 मामले सुने गए…
बिलासपुर . जिला एवं सत्र न्यायालय, बिलासपुर में विचाराधीन बंदियों से संबंधित समस्त दाण्डिक प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। छ.ग. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी एवं छ.ग.उच्च न्यायालय, बिलासपुर के कम्प्यूटराईजेशन कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस पी.सैम कोशी द्वारा विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किये जाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके परिपालन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर. के. अग्रवाल के निर्देशन में जिला एवं सत्र न्यायालय बिलासपुर में एक ही दिवस में विचाराधीन बंदियों के समस्त प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किये जाने का सफल प्रयोग किया गया।
जिला न्यायालय, बिलासपुर में शहाबुद्दीन कुरैशी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में कोल माफिया की सुपारी किलिंग से संबंधित प्रकरण में अभियुक्त घनश्याम उर्फ बाबू पाण्डेय को केन्द्रीय जेल बिलासपुर से वीडियो कान्फेसिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया गया तथा इस प्रकरण के गवाह जशपुर में निवासरत डॉ. मंयक श्रीवास्तव की गवाही भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज की गई। उक्त प्रकरण 27 मार्च 2021 से गवाह डॉ. मंयक श्रीवास्तव की न्यायालय में भौतिक रूप से अनुपस्थिति के कारण लंबित था, जिसे आज दिनांक को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्ण कराया गया।
इस प्रकार उक्त प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियुक्त तथा गवाह, दोनों वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित हुए।
जिला एवं सत्र न्यायालय बिलासपुर में विभिन्न न्यायालयों द्वारा एक ही दिवस में कुल 105 दाण्डिक प्रकरणों में कुल 120 विचाराधीन बंदियों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई।
वर्तमान में केन्द्रीय जेल बिलासपुर में 10 कान्फ्रेंसिग कक्ष स्थापित है . जेल में निरुद्ध बंदियों के प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किये जाने की व्यवस्था की गई। इस प्रकार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरणों की सुनवाई किये जाने से कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ ही शासन के धन, बल एवं समय की भी बचत होती है।